अपने -अपने आम्बेडकर ---------वीरुभाई आम्बेडकर हैं सब के अपने , अपने सब के रंग निराले , किसी का लाल किसी का नीला , किसी का भगवा किसी का पीला। सबके अपने ढंग निराले। नहीं राष्ट्र का एक आम्बेडकर , परचम सबके न्यारे , एक तिरंगा एक राष्ट्र है , आम्बेडकर हैं सबके न्यारे। हथियाया 'सरदार ' किसी ने , गांधी सबके प्यारे। 'चाचा' को अब कोई न पूछे , वक्त के कितने मारे।