अपने -अपने आम्बेडकर
---------वीरुभाई
आम्बेडकर हैं सब के अपने ,
अपने सब के रंग निराले ,
किसी का लाल किसी का नीला ,
किसी का भगवा किसी का पीला।
सबके अपने ढंग निराले।
नहीं राष्ट्र का एक आम्बेडकर ,
परचम सबके न्यारे ,
एक तिरंगा एक राष्ट्र है ,
आम्बेडकर हैं सबके न्यारे।
हथियाया 'सरदार ' किसी ने ,
गांधी सबके प्यारे।
'चाचा' को अब कोई न पूछे ,
वक्त के कितने मारे।
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