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Tap into Water Power :Avoid these hydration myths (HINDI I )

Your body runs efficiently only if your fluids are in harmony .Avoid these hydration myths to calibrate the balance correctly and you 'll supercharge your health .By Christopher Mohr ,Ph.D ;RD 

Myth # 1 

Hydration is a daily goal reached by drinking water .

मिथकीय माया जाल में घिरा है हमारा पेय जल 

यथार्थ :खाली जल पीने  से वांछित जलीकरण नहीं होगा बॉडी चार्ज नहीं होगी। आपके जलीकरण का स्तर  अनेक बातों से तय होता है मसलन आपको पसीना कितना आता है ,आपका रोज़मर्रा का खाना पीना आपकी खुराक क्या है ?आप समुन्द्र से कितनी ऊंचाई पर रहते हैं वहां आद्रता (हवा में नमी )का स्तर क्या है। 

याद रहे :स्वास्थ्यवर्धक हेल्दी खुराक आपकी रोज़मर्रा की पानी की ज़रूरियात का २० फीसद पूरा कर देती है। 

तरबूज ,खीरा ,चकोतरा (grape fruit ),ब्रोक्क्ली ,सेव (एपिल्स )तथा अंगूर को अपनी दैनिकी के खानपान में जगह दीजिये। 

पानी को सुस्वादु बनाने के लिए इसमें उपलब्ध फल काटके दाल लीजिये यथा बेरीज़ ,नीम्बू प्रजाति के फल ,कीवी ,संतरे ,पाइनेपल (अनानास )आदि को बराबर जगह देते रहिये।माहिरों की यही राय रही है। इनमें अमरीकी ट्रिएथलॉन कोच स्च्वाबेनबॉएर ,RD भी शामिल रहे हैं।  

Triathlon is an activity that combines swimming, cycling, and running in one event. The Olympic, or “standard” distance in triathlon is a 1500 metre swim, 40 kilometre bike, and 10 kilometre run.

(ज़ारी )

संदर्भ -सामिग्री :MEN'S HEALTH .JULY/AUGUST 2018 P-26

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अपने -अपने आम्बेडकर          ---------वीरुभाई  आम्बेडकर हैं सब के अपने , अपने सब के रंग निराले , किसी का लाल किसी का नीला , किसी का भगवा किसी का पीला।  सबके अपने ढंग निराले।  नहीं राष्ट्र का एक आम्बेडकर , परचम सबके न्यारे , एक तिरंगा एक राष्ट्र है , आम्बेडकर हैं सबके न्यारे।  हथियाया 'सरदार ' किसी ने , गांधी सबके प्यारे।  'चाचा' को अब कोई न पूछे , वक्त के कितने मारे। 

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फिलाल (कांग्रेस में दूसरे दिन भी सुलगी चिठ्ठी की चिंगारी ,२६ अगस्त २०२० अंक )का साफ संकेत है ,पार्टी चिरकुट और गैर -चिरकुटों में बटती बिखरती  दिख रही है।झाड़ू की तीलियों को समेटना अब मुश्किल लग रहा है।  जो पार्टी चार पांच आदमियों (सदस्यों )की कमिटी भी बनाने में ऊँघ रही है उसमें नेतृत्व कैसा और कहाँ है ?किसी को गोचर हो तो हमें भी खबर करे।  डर काहे का अब खोने को बचा क्या है ?माँ -बेटे चिरकालिक हैं बहना को घास नहीं। जीजा जी परिदृश्य से बाहर हैं।  जयराम रमेश ,शशि  थरूर साहब ,कपिल सिब्बल ,मनीष तिवारी ,मुकुलवासनिक साहब ,नबी गुलाम आज़ाद साहब चंद नाम हैं जिनका अपना वज़ूद है ,शख्सीयत भी।  इनमें फिलाल कोई चिरकुट भी नहीं है।  राहुल को तो इस देश का बच्चा भी गंभीरता से नहीं लेता। हंसना हंसाना बाहें चढ़ाना उनकी राष्ट्रीय स्तरीय मसखरी का अविभाज्य अंग है।  पार्टी का टाइटेनिक न डूबे बना रहे हम भी यही चाहते हैं। ये दिखाऊ  जंगी जहाज बन के न रह जाए। वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा ,पूर्व प्राचार्य ,चोधरी धीरपाल पोस्टग्रेजुएट कॉलिज ,बादली (झज्जर )-१२४ -१०५ , हरियाणा