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जो भारत को तोड़ने ,को बैठे तैयार ! नमकहरामों से जुड़े उन कुटिलों के तार।| Congress joining hands with Naxals to oust PM Modi: BJP "Congress party has joined hands with Naxalites to oust Prime Minister Narendra Modi and his leadership,” Rao told reporters here at a press conference.

मित्रवर कविवर  स्वर्णकार ,जी की राष्ट्रवाद से संसिक्त  सामयिक दोहावली :

२०१९ के आलोक में :

 दोस्तों आप सभी वाकिफ है उन ताकतों से नेहरू पंथी कांग्रेस के अवशेषों से जो देश को विखंडित करने की हर चाल चलते रहें हैं नेहरू से लेकर मतिमंद राजकुमार तक सब यही करते आये हैं। 

रक्तरंगियों के किस्से जिन्हें मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम इसीलिए कहा जाता है ये अपने को बौद्धिक मानते बतलाते हैं ,आज़ादी के  पहले से पुरानी पीढ़ी जानती है। अंग्रेज़ों के ये मुखबिर और इनके पाले हुए कन्हैयानुमा शातिर आज भी यही काम कर रहें हैं। 

और उस भोपाली बाज़ीगर को आप भूले नहीं होंगे जो ओसामा बिन लादेन को ओसामा कहके अदब से बात करने की ताकीद करता था। जिसके अमरीकी लड़ाकू दस्तों द्वारा मारकर सागर में कहीं फेंक देने के बाद  इसी बाज़ीगर ने कहा था :आदर पूर्वक सुपुर्दे ख़ाक होने का हक़ सब को दिया जाना चाहिए। इसका बस चलता तो लादेन की यह मज़ार अपने आंगन में बनवा देता। यही वे लोग हैं जो एक आतंकी की  फ़ासी मुलतवी करवाने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा देते हैं राफेल जैसे मुद्दे पर अपनी  देशद्रोही आदत के आगे ढीठ बने हुए हैं। इनका सरयू तीरे  तर्पण  करने का वक्त आ गया है। भगवान् इनकी भी आत्मा को शान्ति प्रदान करे। 

(१ )भेदभाव करते सदा जो हिन्दू के साथ ,

वोट उन्हें देकर अरे !क्यों कटवाए हाथ। 

(२ )हमलावर जिनके लिए ,बने हुए आदर्श ,

वोट उन्हें क्यों ?हम करें ,मंथन और विमर्श। 

(३ )गद्दारों आतंकियों से जिनके सम्बन्ध ,

वोट उन्हें दे क्यों बने ,हम अंधे मतिमंद ?

 (४ )ज़ेहादी हैं प्रिय जिन्हें ,प्रिय हैं दहशदगर्द ,

हिन्दू के वे कब हुए ,हितचिंतक हमदर्द ?

(५ )हैं हिन्दू माँ बाप की ,हम तुम यदि संतान ,

बैर रखें हिंदुत्व से उनको लें  पहचान। 

(६ )गले मिलें ज़ेहादियों से जो खुल्लेआम !

उन्हें चुने क्यों ?प्रिय नहीं जिन्हें हमारे राम। 

(७ )भारत माता की जिन्हें ,जय भी नहीं पसंद !

पहचानो इनको ,यही भारत के जयचंद। 

(८ )दिखते जो हिन्दू ,मगर ,हिन्दू से ही घात ,

दिखलादो उन दोगलों, को उनकी  औक़ात। 

(९ )मत भूलो किसने कहा -भारत मुर्दाबाद ,

भरतवंशियों के वही हत्यारे जल्लाद। 

(१० )देशद्रोहियों के बने ,रक्षक पहरेदार ,

भूल न जाना हैं वही ,भारत के गद्दार। 

(११ )जो भारत को तोड़ने ,को बैठे तैयार !

नमकहरामों से जुड़े उन कुटिलों के तार।| 

 (१२ )सत्ता उन्हें न सौंपिये ,जिन्हें गैर से प्यार ,

कहीं न अपनी पीढ़ियां भुगतें अत्याचार। 

(१३ )आतंकी ज़ेहादियों के जो पैरोकार ,

जीत गए तो देश का होगा बंटाधार। 

(१४ )नज़र कभी आये नहीं ,जो भारत के साथ , 

सत्ता वे यदि पा गए ,होगा हिन्द अनाथ। 

(१५ )देते आये भूल से ,अगर गलत का साथ !

अब भी चेतो  साथियों ,जागो तभी प्रभात। 

(१६  )'नोटा 'राष्ट्रविरोधियों का है इक षड़यंत्र ,

राष्ट्र हितैषी को चुने ,वोट अमोलक मंत्र। 

प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा 'बोले तो' आपका वीरुभाई (भारत धर्मी समाज )

कैन्टन (मिशिगन )यूएसए 

विशेष :नीचे दी गई तेलंगाना से एक रिपोर्ट और राजस्थान अंचल के  राष्ट्रीय  कवि  के उद्गारों में साम्य होना क्या महज़ इत्तेफाक है या इसके गहरे निहितार्थ हैं ?निर्णय आप कीजिये :


BJP national general secretary P Muralidhar Rao on Friday accused the Congress of joining hands with the Naxals to oust Prime Minister Narendra Modi.

"Congress party has joined hands with Naxalites to oust Prime Minister Narendra Modi and his leadership,” Rao told reporters here at a press conference.
In his poll rallies, Modi has also accused the Congress of backing 'urban Maoists'.
Rao also claimed that Congress has promised Scheduled Caste (SC) status to the Christians in its election manifesto for Telangana.
"The promise made in the election manifesto is an open challenge to Indian Constitution. It has pointed fingers on the country's entire system," he said.




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अपने -अपने आम्बेडकर

अपने -अपने आम्बेडकर          ---------वीरुभाई  आम्बेडकर हैं सब के अपने , अपने सब के रंग निराले , किसी का लाल किसी का नीला , किसी का भगवा किसी का पीला।  सबके अपने ढंग निराले।  नहीं राष्ट्र का एक आम्बेडकर , परचम सबके न्यारे , एक तिरंगा एक राष्ट्र है , आम्बेडकर हैं सबके न्यारे।  हथियाया 'सरदार ' किसी ने , गांधी सबके प्यारे।  'चाचा' को अब कोई न पूछे , वक्त के कितने मारे। 

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फिलाल (कांग्रेस में दूसरे दिन भी सुलगी चिठ्ठी की चिंगारी ,२६ अगस्त २०२० अंक )का साफ संकेत है ,पार्टी चिरकुट और गैर -चिरकुटों में बटती बिखरती दिख रही है।झाड़ू की तीलियों को समेटना अब मुश्किल लग रहा है

फिलाल (कांग्रेस में दूसरे दिन भी सुलगी चिठ्ठी की चिंगारी ,२६ अगस्त २०२० अंक )का साफ संकेत है ,पार्टी चिरकुट और गैर -चिरकुटों में बटती बिखरती  दिख रही है।झाड़ू की तीलियों को समेटना अब मुश्किल लग रहा है।  जो पार्टी चार पांच आदमियों (सदस्यों )की कमिटी भी बनाने में ऊँघ रही है उसमें नेतृत्व कैसा और कहाँ है ?किसी को गोचर हो तो हमें भी खबर करे।  डर काहे का अब खोने को बचा क्या है ?माँ -बेटे चिरकालिक हैं बहना को घास नहीं। जीजा जी परिदृश्य से बाहर हैं।  जयराम रमेश ,शशि  थरूर साहब ,कपिल सिब्बल ,मनीष तिवारी ,मुकुलवासनिक साहब ,नबी गुलाम आज़ाद साहब चंद नाम हैं जिनका अपना वज़ूद है ,शख्सीयत भी।  इनमें फिलाल कोई चिरकुट भी नहीं है।  राहुल को तो इस देश का बच्चा भी गंभीरता से नहीं लेता। हंसना हंसाना बाहें चढ़ाना उनकी राष्ट्रीय स्तरीय मसखरी का अविभाज्य अंग है।  पार्टी का टाइटेनिक न डूबे बना रहे हम भी यही चाहते हैं। ये दिखाऊ  जंगी जहाज बन के न रह जाए। वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा ,पूर्व प्राचार्य ,चोधरी धीरपाल पोस्टग्रेजुएट कॉलिज ,बादली (झज्जर )-१२४ -१०५ , हरियाणा